Chandrayaan 3 Mission – कैसे हुआ चंद्रयान मिशन पूरा – पूरी जानकारी

चंद्रयान-3 टीम के सदस्य, चंद्रयान-3 का बजट कितना था, चंद्रयान-3 बनने में कितना समय लगा, चंद्रयान-3 लॉन्च कब हुआ था, चंद्रयान 3 लॉन्च टाइमिंग, चंद्रयान-3 में सरकारी सहायता, ISRO S Somnath, Chandrayaan-3 Kaise Launch Hua, Chandrayaan-3 Kya Hai In Hindi के बारे में इस आर्टिकल में पढ़ेंगे।

नमस्कार दोस्तों, आपको भारत के चंद्रयान मिशन के बारे में तो आपको पता ही होगा, हाल ही में भारत ने चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया था। लेकिन क्या आपको पता है Chandrayaan-3 Mission Kaise Pura Hua, अगर नहीं तो इसके बारे में बताते हैं।

आज इस आर्टिकल में आपको Chandrayaan-3 Mission Full Information In Hindi के बारे में पूरा बताएंगे।

इस लेख में आज चंद्रयान-3 मिशन क्या है, चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य, चंद्रयान-3 मिशन कब लॉन्च हुआ, चंद्रयान-3 मिशन की लागत कितनी थी, Chandrayaan-3 Ke Bare Mein Jankari, S Somnath Kaun Hai आदि के बारे में विस्तार से हिंदी में जानकारी बताई जाएगी।

Table of Contents

चंद्रयान-3 मिशन कैसे पूरा हुआ? (Chandrayaan-3 Mission Kaise Pura Hua)

आपको तो पता ही होगा कि चंद्रयान-3 मिशन से पहले चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च हुआ था, लेकिन उस समय भारत को इसमें कामयाबी नहीं मिली थी। लेकिन अब सवाल आता है कि चंद्रयान-3 मिशन कैसे पूरा हुआ?

चंद्रयान-3 मिशन अपने भारत का पूरी दुनिया में नाम कर दिया है, सब लोग चंद्रयान-3 मिशन के बारे में जानकारी जानना चाहते हैं। तो चलिए चंद्रयान-3 मिशन के बारे में पूरा बताते हैं।

चंद्रयान-2 मिशन में इसरो से कई छोटी-छोटी गलतियां हो गई थी, लेकिन इस बार इसरो के वैज्ञानिकों ने ऐसी भूल नहीं की और जो भी समस्या थी उसको अच्छे से हल किया तथा चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।

चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च करने में इसरो के वैज्ञानिकों को कई समस्याओं को सुलझाना पड़ा। जैसे लैंडिंग के लिए सही लोकेशन खोजना, सही हाइट और वेलोसिटी का अंदाजा लगाकर लैंडिंग करवाना, चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग करवाना आदि जैसे कार्यों पर वैज्ञानिकों ने ध्यान दिया।

चंद्रयान-3 को पिछले चंद्रयान की गलतियों को सुधार कर डिजाइन किया गया ताकि इसमें कोई खराबी ना आए। चंद्रयान-3 को ऐसे ही लॉन्च नहीं कर दिया गया है, इससे पहले इसरो ने इस पर कई प्रकार के परीक्षण किए हैं।

इन सब समस्याओं को अच्छे से हल करके और इस मिशन पर करोड़ों रुपए लगाकर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद के दक्षिणी ध्रुवों पर लैंड किया गया।

चंद्रयान-3 मिशन क्या है? (Chandrayaan-3 Mission Kya Hai In Hindi)

चांद पर कई चीजों के बारे में रिसर्च करने के लिए भारत द्वारा चंद्रयान मिशन चलाया गया था, जिसमें चंद्रयान-3 मिशन साल 2023 में लॉन्च हुआ। इसके बाद भी कई लोगों को चंद्रयान3 मिशन क्या है, इसके बारे में जानना चाहते हैं।

चंद्रयान-3 को भारत के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने तैयार किया था, इस यान में एक लैंडर तथा एक रोवर उपस्थित है। चंद्रयान-3 में कोई ऑर्बिटर नहीं है।

आपको बता दें कि चंद्रयान-3 का कुल वजन 3900 किलोग्राम है, इसरो ने कई उपाय करके चंद्रयान-3 को चांद पर सफलतापूर्वक लैंड किया।

चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के पहले की तरह नाम भी रखे गए हैं, जिसमें लैंडर का नाम ‘विक्रम’ और रोवर का नाम ‘प्रज्ञान’ रखा गया है।

चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण मिशन है, इससे इसरो के वैज्ञानिक चांद पर कई प्रकार के रिसर्च कर पाएंगे तथा इस वजह से भारत का इन खोजबीन के कारण पूरी दुनिया में नाम होगा।

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चंद्रयान-3 के बारे में जानकारी (Chandrayaan-3 Mission Full Information In Hindi)

अब आपको बताएंगे कि चंद्रयान-3 कब लॉन्च किया गया, इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन के विफल होने पर चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। उसके बाद चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर के 2:35 बजे लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था।

अब बात करते हैं कि Chandrayaan-3 Kab Land Hua, तो आपको बता दें कि चंद्रयान-3 भारतीय समय के अनुसार चांद पर 23 अगस्त 2023 की शाम को 6:04 बजे लैंड हुआ था।

चंद्रयान-3 के लॉन्च के बाद कई लोग सवाल कर रहे थे कि चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचने में कितना समय लगेगा, तो इसका जवाब इसरो के अनुसार 40 दिन से 50 दिन तक लग सकते हैं।

चंद्रयान-3 के चांद पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने के बाद दुनिया में भारत चौथा ऐसा देश बन चुका है, जिसने चांद पर अपना यान भेजो हो।

चंद्रयान-3 मिशन में कई लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसमें सबसे अहम कार्य चंद्रयान-3 के डायरेक्टर और चंद्रयान-3 की अन्य टीम ने किया है, इसके बारे में भी जानकारी आपको दी जाएगी।

चंद्रयान-3 की मदद से इसरो कई प्रकार की नई खोज करेगा, जिससे भारत को ही फायदा है। चंद्रयान-3 लॉन्च करने के भी कई उद्देश्य है, जिन्हें पूरा करके भारत इस मिशन में सफलता हासिल करेगा।

चंद्रयान-3 टीम के सदस्यों के नाम (Chandrayaan-3 Member Name List In Hindi)

जब से चंद्रयान-3 मिशन सफल हुआ है, तब से कई लोग चंद्रयान-3 टीम के सदस्यों के बारे में जानना चाहते हैं। इसलिए आपको चंद्रयान-3 टीम के सदस्यों की नाम लिस्ट देने जा रहे हैं।

वैसे तो चंद्रयान-3 टीम में कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है, इसरो के कई साइंटिस्ट ने इस प्रोजेक्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने इस मिशन में अपने कई साल लगा दिए। जिनके बारे में जानकारी नीचे दी गई है।

  • इसरो के अध्यक्ष – डॉक्टर एस सोमनाथ
  • चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर – पी वीर मुथुवेल
  • डिप्टी डायरेक्टर – एम वनिता
  • यूआरएससी (URSC) के निदेशक – एम शंकरन
  • वीएसएससी (VSSC) के निदेशक – एस उन्नीकृष्णन नायर
  • डिप्टी डायरेक्टर – कल्पना के
  • एलएबी (LAB) के प्रमुख – ए राजराजन
  • मिशन निदेशक – मोहना कुमार
  • इसके अलावा चंद्रयान-3 मिशन में कई बड़े साइंटिस्ट ने साथ दिया, आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मिशन में 54 महिला वैज्ञानिकों ने भी अपना योगदान दिया था।

इन्हीं चंद्रयान-3 टीम के सदस्यों के कारण आज चंद्रयान-3 मिशन सफल हो पाया है, इन लोगों की मदद से इसरो और भी तरक्की करेगा।

चंद्रयान-3 मिशन की लागत कितनी थी? (Chandrayaan-3 Mein Kitne Paise Lage)

अब जाहिर सी बात है कि अंतरिक्ष में यह भेजने के लिए कई पैसे खर्च होते हैं, लेकिन Chandrayaan-3 Mein Kitna Kharcha Aaya Hai इसके बारे में आपको जानकारी यहां मिलेगी।

आपको तो पता ही होगा कि रॉकेट बनाने में कितना खर्चा आता है, रॉकेट में कई महंगे-महंगे धातुओं का प्रयोग किया जाता है।

रॉकेट का इंजन बनाने में, रॉकेट के ईंधन में, रॉकेट के अन्य पार्ट्स बनाने में धातुओं का प्रयोग, रॉकेट के मॉड्यूल बनाने में काफी खर्चा आता है।

मीडिया के अनुसार चंद्रयान-3 में 615 करोड रुपए लगे हैं, अब आप चंद्रयान-3 का बजट कितना था, इसके बारे में भी आप अब जान गए होंगे।

चंद्रयान-3 मिशन में सरकारी सहायता (Chandrayaan-3 Mission Mein Sarkar Ka Role)

चंद्रयान-3 मिशन में सरकार की भी अहम भूमिका रही है, आपको लग रहा होगा कि इसमें सरकार ने क्या किया?

इसलिए आपको बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन में को अहम कार्य है, हो इसरो (ISRO) का है। आपको पता होना चाहिए कि इसरो का सही से संचालन करना भी सरकार का काम है।

इसरो पर भारत सरकार का पूरा नियंत्रण है, इस वजह से सरकार ने इस मिशन में अपनी तरफ से पूरी सहायता की।

चंद्रयान-3 का बजट जो कि 615 करोड़ का था, यह भी तो सरकार का काम है। ऐसे ही कई कार्यों में सरकार से इस मिशन के लिए अपना हाथ बढ़ाया और इसरो के साथ मिलकर चंद्रयान-3 को एक सफल मिशन बनाया।

चंद्रयान-3 का उद्देश्य क्या है? (Chandrayaan-3 Ka Uddeshya Kya Hai)

चंद्रयान-3 के लॉन्च करने के पीछे कई कारण और उद्देश्य है, जिसके बारे में जानकारी निम्नलिखित बिंदुओं में दी गई है। अगर यह सब उद्देश्य पूरे हो जाते है, तो भारत का यह मिशन पूरी तरह से सफल हो जाएगा।

  • सबसे पहला उद्देश्य तो चंद्रयान-3 की सही से लैंडिंग करना था, जो कि पूरा हो चुका है।
  • चंद्रयान-3 के रोवर का चांद पर सही से संचालन करना।
  • इसके अलावा चंद्रयान-3 की मदद से कई वैज्ञानिक प्रयोग करना भी इसका उद्देश्य है।
  • चांद पर कई चीजों की खोज करना।
  • चांद की सतह की फोटो भेजना।
  • चांद पर क्या मौजूद है, इसके बारे में इसरो को जानकारी देना भी मुख्य उद्देश्य है।
  • चंद्रयान-3 की मदद से चांद की भौगोलिक घटनाओं और भौगोलिक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करना भी इसका उद्देश्य है।
  • चांद के केमिकल कंपोजिशन के बारे में जानकारी देना।
  • चांद की सतह के थर्मल इंसुलेटर की जैसे व्यवहार के बारे में जानकारी प्रदान करना।
  • चांद पर क्या-क्या धातु मौजूद है? इसके बताना चंद्रयान 3 मिशन का उद्देश्य है।

चंद्रयान-3 ने क्या-क्या खोज की? (Chandrayaan-3 Ne Kya-Kya Khoja Hai)

चंद्रयान-3 तो सफलतापूर्वक अपने मिशन में कामयाब हो गया है। लेकिन अगर आप चंद्रयान-3 ने क्या खोजा है,इसके बारे में जानना चाहते हैं तो निम्नलिखित बिंदुओं को पूरा पढ़ें।

  • चंद्रयान-3 ने चांद के तापमान के बारे में जानकारी दी है, जिसमें चांद की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस बताया।
  • इसमें हैरानी की बात है कि, चांद की सतह के कुछ सेंटीमीटर नीचे ही तापमान में भारी अंतर है, चांद की सतह के नीचे का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस बताया है।
  • चंद्रयान-3 में जानकारी दी कि चांद पर कई बड़े और गहरे गड्ढे हैं। चांद के कई गड्ढों में तो सूरज की रोशनी भी ठीक से नहीं पहुंच पाती है।
  • चंद्रयान-3 ने चांद पर कई धातुओं की भी खोज की है। जिसमें एल्युमिनियम, टाइटेनियम, सल्फर, ऑक्सीजन, सिलिकॉन, आयरन, क्रोमियम के नाम शामिल हैं।
  • चंद्रयान-3 मिशन में भारत को चांद पर कई नई चीजों की खोज के बारे में पता चलने वाला है।
  • इसका असली मकसद चांद पर पानी ढूंढना है जिसमें से ऑक्सीजन तो मिल गया है। अगर हाइड्रोजन भी मिल जाता है तो चांद पर पानी के होने की संभावना बढ़ जाएगी।
  • चांद पर जीवन मौजूद है या नहीं इसके बारे में भी जानकारी इस मिशन से मिल सकती है।
  • अगर चांद पर जीवन मिल जाता है तो यह भारत के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि होगी, जिससे भारत का पूरे संसार में परचम लहरा जाएगा।

इसरो के वर्तमान अध्यक्ष एस सोमनाथ (S. Somnath Kaun Hai)

वर्तमान में इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ है, एस सोमनाथ का पूरा नाम “श्रीधर पाड़ीकर सोमनाथ” है। चंद्रयान-3 मिशन में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, इसलिए आज हर कोई इन्हें जानता है।

एस सोमनाथ एक एयरोस्पेस इंजीनियर है, जिन्होंने व्हीकल मार्क 3 जैसे यान को भी डिजाइन किया था। एस सोमनाथ इसरो के अध्यक्ष के पद पर कार्य करने से पहले विक्रम साराभाई अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र में ‘तरल प्रणोदन प्रणाली केन्द्र’ के निदेशक के रूप में कार्य करते थे।

एस सोमनाथ की चंद्रयान-3, गगनयान, आदित्य एल-1 जैसे मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

FAQs – Chandrayaan 3 Mission – कैसे हुआ चंद्रयान मिशन पूरा – पूरी जानकारी

आपको यहां पर आपको Chandrayaan-3 Full Details के बारे में बताया है, अगर आप इससे संबंधित निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़ेंगे तो इस विषय में आपका और ज्ञान बढ़ेगा।

#1: चंद्रयान-3 क्या काम करेगा?

चंद्रयान-3 को भारत के इसरो अनुसंधान ने चंद्रमा पर भेजा है, जिसकी सफल लैंडिंग 23 अगस्त 2023 को हुई थी।

चंद्रयान-3 का काम चांद के बारे में हर छोटी-बड़ी जानकारी इसरो को बताना है। जैसे चांद पर पानी, हवा, चांद की सतह आदि की जानकारी देना इसका काम होगा।

चांद पर जीवन की खोज करना, चांद पर मौजूद धातुओं के बारे में जानकारी देना, चांद के तापमान और अन्य भौगोलिक घटनाओं के बारे में जानकारी देना चंद्रयान-3 का काम है।

#2: चंद्रयान-3 का नेतृत्व किसने किया?

चंद्रयान-3 का नेतृत्व इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ, पी वीर मुथुवेल, एस उन्नीकृष्णन नायर, एम वनिता, ए राजराजन आदि जैसे बड़े वैज्ञानिकों ने किया।

#3: चंद्रयान-3 बनाने में कितना पैसा लगा है?

चंद्रयान-3 जैसे यान को बनाने में मोटा खर्चा आता है, लेकिन आपको बता दें कि भारत ने ऐसे बड़े मिशन में अन्य देशों से कम खर्चा किया है। अमेरिका, चीन जैसे कई देशों ने चांद पर यान भेजने में कई लाख करोड़ रुपया खर्च किए है।

जबकि हमारे देश के चंद्रयान-3 को बनाने में 615 करोड़ रुपए का खर्चा आया है, लेकिन इतने पैसे में भी चंद्रयान-3 बहुत सफल साबित हुआ है।

निष्कर्ष – Chandrayaan 3 Mission – कैसे हुआ चंद्रयान मिशन पूरा – पूरी जानकारी

इस आर्टिकल में चंद्रयान-3 मिशन कैसे पूरा हुआ, Chandrayaan-3 Mission Full Information In Hindi के बारे में सब कुछ बताया है।

इस आर्टिकल में चंद्रयान-3 मिशन क्या है, चंद्रयान-3 मिशन का उद्देश्य, चंद्रयान-3 बनाने में कितना खर्चा हुआ, चंद्रयान-3 टीम के सदस्य, Chandrayaan-3 Full Details In Hindi, Chandrayaan-3 Ke Bare Me Jankari In Hindi आदि जैसी जानकारियां बताई है।

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