Navratri 2023: नवरात्रि क्यों मनाई जाती है? जानिए क्या है पौराणिक मान्यता और इतिहास

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देश के अलग-अलग हिस्सों मैं अलग-अलग तरीकों से नवरात्रि के पावन पर्व को मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन में घट स्थापना की जाती है। हिंदुस्तान के भिन्न-भिन्न प्रदेशों में भिन्न-भिन्न तरीकों से नवरात्रि की पावन पर्व को मनाया जाता है।कही पर  पूरी रात गरबा और आरती करके नवरात्रि मनाते है, वही कुछ लोग व्रत और उपवास रखकर मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों की आराधना करते हैं।

नवरात्रि 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 15 अक्टूबर कलश स्थापना और 20 अक्टूबर 2023 से दुर्गा पूजा की शुरुआत अश्वनी माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि यानी शारदीय नवरात्रि के छठे दिन से होती है और 24 अक्टूबर 2023 नवरात्रि की समापन यानी विजयदशमी का महापर्व मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां जगदंबे के 9 अलग-अलग स्वरूपों की आराधना की जाती है। भारत देश में यह महापर्व सदियों से मनाया जा रहा है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है। विभिन्न जगहों के विभिन्न तरीकों से नवरात्रि को मनाया जाता है जैसे महाराष्ट्र और गुजरात में गरबा खेल कर मां दुर्गा की उपासना की जाती है वही पश्चिम बंगाल में सिंदूर खेला से दुर्गा मां की आराधना की जाती है।

नवरात्रि क्यों मनाई जाती है Navratri Kyu Manaya Jata Hai

नवरात्रि के पर्व को मनाया जाने के कई तरह की मान्यता है। कुछ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महिषासुर नाम का दैत्य था। महिषासुर अपनी घोर तपस्या से ब्रह्मा जी को प्रसन्न करके ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान पाकर वह देवताओं को सताने लगा था। महिषासुर के घोर अत्याचार से परेशान होकर सभी देवता शिव विष्णु और ब्रह्मा के पास चले गए। इसके बाद तीनों देवताओं ने आदिशक्ति का आवाहन किया। भगवान शिव और विष्णु के क्रोध एवं अन्य देवताओं से मुख से एक तेज प्रकट हुई जो नारी के रूप में बदल गया। इस आदिशक्ति नारी को सभी देवताओं ने अपने-अपने दिव्यास्त्र प्रदान किए। इसके बाद सभी देवताओं से शक्ति प्रकार मां दुर्गा ने महिषासुर को ललकारा । महिषासुर और देवी दुर्गा का युद्ध शुरू हुआ जो 9 दिनों तक चला । फिर दसवें दिन में मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया मान्यता यह है कि इन नौ दिनों में देवताओं ने रोज देवी की पूजा आराधना करके उन्हें शक्ति प्रदान की। तब से ही नवरात्रि का पावन पर्व को मानने का शुरुआत हुई।

मां दुर्गा के नौ रूपों के नाम ( maa Durga nav Roop) और उनकी सवारी ।

स्वरूपमाता के 9 रूप माता की सवारी/वाहन
प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री (शैलपुत्री)नंदी
द्वितीय स्वरूपब्रम्हचरणी देवी कोई नही 
तृतीय स्वरूप चंद्रघंटा देवीचीता 
चतुर्थ स्वरूपकुष्मांडा माता सिंह
पंचम स्वरूपस्कंदमाताशेर
षष्टम स्वरूपकात्यानी माता सिंह
सप्तम स्वरूप कालरात्रि गधा 
अष्टम स्वरूपमहागौरी बैल
नवम स्वरूपसिद्धिदात्री कमल का फूल

नवरात्री के 9 रंग ( 9 Colour of Navratri) और इनका महत्व

  1. नवरात्रि का पहला दिन (15 oct 2023) – नारंगी
  2. नवरात्रि का दूसरा दिन ( 16 oct 2023) – सफ़ेद
  3. नवरात्री का तीसरा दिन ( 17 oct 2023) – लाल
  4. नवरात्री का चौथा दिन ( 18 oct 2023)- रॉयल ब्लू 
  5. नवरात्रि का पांचवा दिन ( 19 oct 2023) – पीला
  6. नवरात्रि का छठा दिन ( 20 oct 2023) – हरा
  7. नवरात्री का सातवा दिन( 21 oct 2023) – भूरा
  8. नवरात्री का आठवां दिन( 22 oct 2023) – बैगनी 
  9. नवरात्रि का नौवा दिन ( 23 oct 2023) – पीकॉक ग्रीन

नवरात्रि के प्रकार ( Types of नवरात्रि)

9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि में देवी दुर्गा की अलग-अलग अवतारों का पूरे उत्साह और भक्ति के साथ पूजा की जाती है। हर साल दो प्रकार के नवरात्रि मनाई जाते हैं।

  • चैत्र नवरात्रि 2023 : इस नवरात्रि को वसंत नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार,चैत्र के महीने में यानी मार्च अप्रैल के बीच में मनाई जाती है।
  • शरद नवरात्रि 2023: शरद नवरात्रि एक लोकप्रिय नवरात्रि है जो अश्वनी मां के चंद्रमा में यानी सितंबर अक्टूबर में मनाई जाती है। शरद नवरात्रि के समय ही पश्चिम बंगाल में सिंदूर खेला और गुजरात महाराष्ट्र में गरबा खेल होता है।

नवरात्रि के व्रत के नियम

  • नवरात्रि में सबसे पहले ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें।
  • नवरात्रि के नो दिन आप सुबह जल्दी उठे और मंदिर की साफ सफाई जरूर करें।
  • 9 दिन तक उपवास करें ,अगर सारे दिन उपवास नहीं कर सकते तो एक समय भोजन करें
  • आदिशक्ति मां दुर्गा के समझ अखंड ज्योति जलाएं और उनकी पूजा आराधना करें।
  • देवी के नौ रूपों के पूजा करें और उसी के अनुसार उन्हें भोग लगाए।
  • माता को लाल रंग की चुनरी श्रृंगार के समान और आभूषण भेंट करें।
  • नवरात्रि के समय सात्विक भोजन ग्रहण करें प्याज लहसुन आदि को इन दोनों इस्तेमाल न करें।
  • नवरात्रि के 9 दिन में आप नंगे पांव रहना शुभ माना जाता है इसलिए आप ज्यादातर समय नंगे पांव रहे।
  • पूजा के अंत में दुर्गा सप्तमी और दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें।
  • कन्या पूजन करें और गरीबों की जरुर मदद करें।

आज की सीख 

आशा करते है आज आपने हमारे इस लेख से नवरात्रि क्यों मनाई जाती है, इसके बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल कर ली होगी। अगर आपको इस तरह के ज्ञानवर्धक लेख पढ़ना है तो आप हमारे इस ब्लॉग को जरूर सबस्क्राइब करे और ये आर्टिकल अपने मित्रो और रिश्तेदारों को शेयर करना ना भूले ।

FAQ

प्रश्न : 2023 में नवरात्रि कब मनाई जाएगी ?

उत्तर: 15 oct 2023 to 24 oct 2023

प्रश्न: नवरात्रि के नव कलर क्या क्या है?

उत्तर: नारंगी,सफेद ,लाल,रॉयल ब्लू , पीला,हरा ,भूरा,,बैगनी ,पिकॉक ग्रीन

प्रश्न: नवरात्रि में किस असुर की वध किया गया था ?

उत्तर: महिषासुर

प्रश्न: हम 9 दिनों के लिए नवरात्रि क्यों मनाते हैं? Dussehra Kyu manaya jata Hai?

उत्तर: महिषासुर और देवी दुर्गा के बीच भयानक युद्ध शुरू हुआ, जो 9 दिनों तक चला था। इसके बाद दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। तभी से नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है।

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